4926
मोहब्बत जिंदगी बदल देती
है,
मिल जाये तो
भी;
ना मिले तो
भी.......
4927
मजाक मजाकमें
ही,
शुरु हो
गयी थी मोहब्बत...
अब तो जिंदगी,
मजाक बनके
रह गयी...
4928
ज़रासी मोहब्बत
क्या पी ली...
जिंदगी अबतक
लडखडा रही है.......!
4929
साँस लेता हुँ
तो,
जखमोंको
हवा लगती है...
जिंदगी अब तू
ही बता,
तू मेरी क्या
लगती है...
4930
तुम्हारा
क्या है,
तुम्हें
तो बाजी जितनेसे बस,
ताल्लुकात
है...
ये खेल है
मेरी जिंदगीका,
के मेरा जो
कुछ है,
दांव
पर है.......!