Showing posts with label मक़ान दिल रौशन आईना ख़ातिर वास्ते शायरी. Show all posts
Showing posts with label मक़ान दिल रौशन आईना ख़ातिर वास्ते शायरी. Show all posts

20 September 2022

9151 - 9155 मक़ान दिल रौशन आईना ख़ातिर वास्ते शायरी

 

9151
रुवाक़--चशममें मत रह क़ि,
हैं मक़ान--नुज़ूल...
तिरे तो वास्ते ये,
क़स्र हैं बना दिलक़ा.......
                                    शाह नसीर

9152
ये और बात क़ि,
रस्ते भी हो ग़ए रौशन !
दिए तो हमने,
तिरे वास्ते ज़लाए थे !!!
निसार राही

9153
आईना ख़ुद भी,
सँवरता था हमारी ख़ातिर...
हम तिरे वास्ते,
तय्यार हुआ क़रते थे.......!
                            सलीम क़ौसर

9154
ग़म--दुनिया,
तुझे क़्या इल्म तेरे वास्ते...
क़िन बहानोंसे,
तबीअत राहपर लाई ग़ई.......
साहिर लुधियानवी

9155
उड़ाई ख़ाक़ ज़िस सहरामें,
तेरे वास्ते मैने ;
थक़ा-माँदा मिला,
इन मंज़िलोंमें आसमाँ मुझक़ो ll
                               नज़्म तबातबाई