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16 December 2017

2081 - 2085 दिल मुहब्बत मुलाक़ात खयाल याद शराबी दिक्कत मौसम बरसात बारिश शायरी


2081
हमें नशा तो आपकी बातका हैं,
कुछ नशा तो धीमी बरसातका हैं,
हमें आप यूँही शराबी ना कहिये...
इस दिलपर असर तो आपसे मुलाक़ातका हैं !!!

2082
तुम्हारे खयालोमें चलते चलते,
कही फिसल ना जाऊ मैं,
अपनी यादोंको रोको,
की मेरे शहरमें बारिशका मौसम हैं...!

2083
कहीं फिसल ना जाओ ज़रा,
संभलके रहना...!
मौसम बारिशका भी हैं और...
मुहब्बतका भी.......!!!

2084
मेरे शहरमें,
ख़ुदाओंकी कमी नहीं हैं,
दिक्कतें तो मुझे आजभी,
इंसान ढूंढनेमें होती हैं.......

2085
वफ़ाके वादे वो सारे,
भुला गयी चुप चाप,
वो मेरे दिलकी दीवारें,
हिला गयी चुप चाप.......