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27 February 2017

1017 साथ रिश्ते वक्त धुंध लम्हे सपने टूट बेखबर नींद शायरी


1017
साथ छुटनेसे रिश्ते नहीं टूटा करते,
वक्तक़ी धुंधसे लम्हे नहीं टूटा करते,
लोग कहते हैं मेरा सपना टू गया,
बेखबर हैं वोह उन्हें क्या पता,
टूटती नींदसे सपने नहीं टूटा करते.......