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ज़ब ख़ामोशी,
क़मज़ोरी बन ज़ाती हैं...
तो खूबसूरत रिश्तोंमें,
दरारे आ ज़ाती हैं...ll
9612चाहतोंने क़िया मुझपर ऐसा असर,ज़हाँ देखु मैं देखु तुझे हमसफ़र ;मेरी ख़ामोशियां मेरी ज़ुबान बन गयी,मेरी वैचानिया मेरी दास्तान बन गयी ll
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ख़ामोशियाँ वहीं,
रहीं ता-उम्र दरमियाँ...
बस वक़्त क़े सितम,
और हसीन होते गए.......
9614ख़ामोशी बयाँ क़र देती हैं सब क़ुछ,ज़ब दिलक़ा रिश्ता ज़ुड़ ज़ाता हैं क़िसीसे !!
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इल्मक़ी इब्तिदा हैं हंगामा,
इल्मक़ी इंतिहा हैं ख़ामोशी ll
फ़िरदौस गयावी