Showing posts with label ज़िन्दगी खूबशूरत लम्हा तन्हाई खुश भीड़ अकेला शायरी. Show all posts
Showing posts with label ज़िन्दगी खूबशूरत लम्हा तन्हाई खुश भीड़ अकेला शायरी. Show all posts

26 February 2017

1011 ज़िन्दगी खूबशूरत लम्हा तन्हाई खुश भीड़ अकेला शायरी


1011
दोस्ती ज़िन्दगीका,
एक खूबशूरत लम्हा हैं l
जिसे मिल जाये वो,
तन्हाईमें भी खुश हैं l
जिसे न मिले वो,
भीड़में भी अकेला हैं…ll