2636
तुझे ज़िन्दगीभर याद
रखनेकी,
कसम तो
नहीं ली,
पर एक पलके
लिए,
तुझे
भुलाना भी
मुश्किल हैं !
2637
अगर मोहब्बतकी
हद नहीं कोई...
तो फिर,
दर्दका हिसाब
क्यों रखूँ...
2638
मंज़िलोंके ग़ममें
रोनेसे,
मंज़िलें
नहीं मिलती;
हौंसले भी टूट
जाते हैं,
अक्सर
उदास रहनेसे।
2639
ये जो
उनकी...
बेफ़िक्री हैं,
ये हमारी ही बेपनाह,
चाहतका नतीजा
हैं...
2640
ना मैं शायर
हूँ;
ना मेरा
शायरीसे कोई
वास्ता,
बस शौक बन
गया हैं,
तेरी
यादें बयान
करना...!