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31 August 2018

3231 - 3235 आशिक़ दिल मोहब्बत अदा दिवाने प्यार नाम अंदाज़ वजह आँख नजर होंठ महक झलक जिस्म जख्म शायरी


3231
अंदाज़ा मेरी मोहब्बतका,
सब लगा लेते हैं...
जब तुम्हारा नाम सुनकर,
हम मुस्कुरा देते हैं...

3232
हम तो तेरे शख्सियतके दिवाने हैं.
वो और होंगे जो
जिस्मानी पसंदको ही प्यार समझते हैं...
यहीं वजह हैं की
तुम हमसें दुर रहके भी पास हो...!

3233
आँखोंमें नजर आती हैं,
होंठोंपर महक जाती हैं...
लाख छुपाओ मोहब्बतको मगर,
अदाओंमें झलक जाती हैं...

3234
जिस्मपर जो,
जख्मके निशान हैं...
वो बचपनके हैं,
बादके तो सारे दिलपर हैं...!

3235
मैं ख़ूबसूरत सही...
आशिक़ तो हूँ;
इतना तो पता हैं,
तुम्हें भी.......