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28 November 2016

792 तलब नकाब नसीब नज़रे दीदार शायरी


792

Didar, Wish

दीदारकी 'तलब' हो,
तो नज़रे जमाये रखना,
क्युँकि, 'नकाब' हो या 'नसीब'...
सरकता जरूर हैं।
If you Wish to have Pleased,
Keep your Eyes Scored,
Because 'Mask' or 'Fate'...
Slides for Sure.