Showing posts with label दिल एहसास इल्ज़ाम मोहोब्बत इश्क़ गुफ़्तुगू फ़िक्र मज़ाक़ ज़ज़्बात शायरी. Show all posts
Showing posts with label दिल एहसास इल्ज़ाम मोहोब्बत इश्क़ गुफ़्तुगू फ़िक्र मज़ाक़ ज़ज़्बात शायरी. Show all posts

27 February 2022

8291 - 8295 दिल एहसास इल्ज़ाम मोहोब्बत इश्क़ गुफ़्तुगू फ़िक्र मज़ाक़ ज़ज़्बात शायरी

 

8291
दिल भी, एहसासात भी,
ज़ज़्बात भी...
क़म नहीं हैं हमपे,
इल्ज़ामात भी.......
                      नोमान शौक़

8292
मोहोब्बतक़े मंसूबोंक़ी,
ख़ाक़ बनाक़र...
मुस्कुरा रहा था वो मेरे,
ज़ज़्बातोंक़ा मज़ाक़ बनाक़र...

8293
फ़िक्रक़ा सब्ज़ा मिला,
ज़ज़्बातक़ी क़ाई मिली,
ज़ेहनक़े तालाबपर...
क़्या नक़्श आराई मिली...
                      सलीम बेताब

8294
इश्क़क़ी ग़र्मी--ज़ज़्बात,
क़िसे पेश क़रूँ...?
ये सुलग़ते हुए दिनरात,
क़िसे पेश क़रूँ....?
साहिर लुधियानवी

8295
ऐसे ज़ज़्बातमें,
लहजेक़ो पत्थर क़ीजे...
गुफ़्तुगू मुझसे ज़रा आप,
सँभलक़र क़ीजे.......
                        मोईद रहबर