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25 July 2016

427 दिल दुश्मन दोस्त जगह कब्जा शायरी


427

Kabja, Hold

जगह ही नही दिलमें अब,
दुश्मनोंके लिए...
कब्जा दोस्तोंका,
कुछ ज्यादा ही हो गया हैं...!

There is no space in the Heart now,
For Enemies...
Hold of Friends,
Is more than Enough...!