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11 August 2019

4596 - 4600 दिल मोहब्बत जिंदगी तकलीफ़ फ़क़ीर मरहम मतलब रिश्ते समय नज़रिया एहसास शायरी


4596
मोहब्बतमें अपने आपको,
हमेशा बादशाह समझा हमने...
एहसास तब हुवा जब,
किसीको फ़क़ीरकी तरह मांगना पड़ा...

4597
मेरे अशआर ही,
मेरे एहसासका मरहम हैं
मै शायर ना होता,
तो पागल होता ।।

4598
लोग बुरे नहीं होते...         
बस जब आपके मतलबके नहीं होते...
तो बुरे लगने लगते हैं...
समझनी हैं जिंदगी तो पीछे देखो,          
जीनी हैं जिंदगी तो आगे देखो...
हम भी वहीं होते हैं,
रिश्ते भी वहीं होते हैं...
और रास्ते भी वहीं होते हैं,
बदलता हैं तो बस,
समय, एहसास, और नज़रिया...!

4599
सबके दिलोंका,
एहसास अलग होता हैं...
इस दुनियामें सबका,
व्यवहार अलग होता हैं...
आँखें तो सबकी,
एक जैसी ही होती हैं...
पर सबका देखनेका,
अंदाज़ अलग होता हैं...

4600
तकलीफ़ मिट गई,
मगर एहसास रह गया...
ख़ुश हूँ कि कुछ कुछ तो,
मेरे पास रह गया...