Showing posts with label पनाह बदनाम नाम चाहत दोस्त गुमनामी शायरी. Show all posts
Showing posts with label पनाह बदनाम नाम चाहत दोस्त गुमनामी शायरी. Show all posts

31 October 2016

681 पनाह बदनाम नाम चाहत दोस्त गुमनामी शायरी


681

गुमनामी, Anonymity

गुमनामीका नाम ही,
चाहत हैं मेरे दोस्त,
पनाह मिलतेही चाहत,
बदनाम हो जाती हैं

Wanting is the name of,
Anonymity is my Friend,
On getting Shelter,
It becomes Infamous.