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10 February 2018

2331 - 2335 प्यार मोहब्बत जिन्दगी समझ हक जान दुश्मन कमबख्त बात शिकायते तड़प चाहत इंतजार शायरी


2331
जो हमे समझ ही नहीं सका,
उसे हक हैं हमें बुरा समझनेका...
जो हमको जान लेता हैं,
वो हमपर जान देता हैं.......

2332
दोस्तोसे अच्छे तो,
मेरे दुश्मन निकले l
कमबख्त हर बातपर कहते हैं कि,
तुझे छोडेंगे नहीं.......

2333
चाहे लाख शिकायते हो उनसे,
लेकिन.......,
वो जरासा हाल पूछ ले तो,
हम सब भूल जाते हैं...!

2334
"तड़पके देखो किसीकी चाहतमें, तो पता चलेगा,
कि इंतजार क्या होता हैं...
यूँ ही मिल जाए, कोई बिना चाहे,
तो कैसे पता चलेगा, कि प्यार क्या होता हैं...

2335
चुपचाप गुजार देंगे,
अपनी पूरी जिन्दगी तेरे बिना...
लोगोंको भी बता देंगे कि,
"मोहब्बत" ऐसे भी होती हैं...