Showing posts with label बेरुखी ऐतराज़ हाल शायरी. Show all posts
Showing posts with label बेरुखी ऐतराज़ हाल शायरी. Show all posts

25 April 2017

1254 बेरुखी ऐतराज़ हाल शायरी


1254
तेरी बेरुखीपें कोई,
ऐतराज़ नहीं हैं हमें...
किस हालमें हैं हम...
इतना तो पूँछ लिया करो . . .