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13 December 2017

2066 - 2070 इश्क़ गुलाब जवाब सवाल नशा शराब बात रूठ साथ खुश आईना आदत कीमत भरोसे शायरी


2066
मैं तोड लेता अगर तू गुलाब होती,
मैं जवाब बनता अगर तू सवाल होती...
सब जानते हैं मैं नशा नहीं करता,
मगर मैं पी भी लेता अगर तुम शराब होती ...

2067
बिन बातके ही रूठनेकी आदत हैं,
किसी अपनेका साथ पानेकी चाहत हैं,
आप खुश रहें, मेरा क्या हैं.......
मैं तो आईना हूँ, मुझे तो टूटनेकी आदत हैं

2068
उसीसे पुछ लो,
उसके इश्क़की कीमत;
हम तो बस,
भरोसेपें बिक गए.......

2069
हमारी 'शायरी' सुनकर,
बस इतनासा बोले 'महफ़िल' में लोग...
'कलम' छिन लो इससे...
इसके 'लफ़्ज', ... 'दिल चीर' देते हैं ...

2070
आज कोई शायरी नहीं...
बस इतना सुन लो...
मैं तन्हा हूँ ,
और वजह तुम हो.......!