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30 May 2017

1361 मैक़दे अजीब मंज़र मैकश आदतन बहक हाल आरज़ू ज़िद्द हाल होश शेर शायरी


1361
हर एक मैक़देमें,
कुछ अजीब मंज़र होता हैं,
कुछ मैकश आदतन,
हर रोज़ बहक जाते हैं,
फिरभी हर हालमें,
आरज़ू भरी ज़िद्दसे,
जानेसे पहले होशपर,
इक शेर सुनाते हैं l