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18 October 2016

642 मोहब्बत बात याद रख जनाब भूल जाना शायरी


642

Bhool jana, Forgetting

याद रखना ही,
सब कुछ नहीं हैं,
मोहब्बतमें,
भूल जाना भी...
बडी बात हुवा करती हैं, जनाब...

Memorizing Only,
Is not All,
I Love,
Forgetting even...
Is the Biggest Thing, Man...