12 March 2017

1077


उम्र कैद की तरह होते है
कुछ रिश्ते ,
जहा जमानत देकर भी
रिहाई मुमकिन नही !!!

1076


हस्ती मिट जाती है आशियाँ बनाने मे,
बहुत मुस्किल होती है अपनो को समझाने मे,
एक पल मे किसी को भुला ना देना,
ज़िंदगी लग जाती है किसी को अपना बनाने मे...

11 March 2017

1075


दिल जीत ले वो नजर हम भी रखते है,
भीड़ में नजर आये वो असर हम भी रखते है,
यु तो वादा किया है किसीसे मुस्कुराने का वरना…
आँखों में समंदर हम भी रखते है |

1074


सोंचे
तब तक कमाओ जब तक,
महंगी चीज़ सस्ती ना लगे
चाहे वो सामान हो,
या सम्मान हो. . . 

1073


क्यों घबराता है पगले
दुःख होने से...,
जीवन तो प्रारम्भ ही हुआ है
रोने से।

1072


देखी है "दरार" आज मैंने आईने में…
पता नहीं शीशा टुटा हुआ था...
या फिर..."मैं"...!

1071


दुनिया का बेहद मुश्किल काम...
"अपनों " में से
"अपनों " को खोजना…"!

10 March 2017

1070


रूला कर उसने मुझसे कहा .....
अब मुस्कुराओ !!
मै हँस पडा .....
क्योकी सवाल हँसी का नही .....
उसकी खुशी का था ....... !!!

1069


"कल रात वो मिली ख्वाब में,
हम ने पूछा क्यों ठुकराया आपने,
जब देखा तो उनकी आँखों में भी आँसू थे,
फिर कैसे पूछता... क्यों रुलाया आपने ?"

1068


आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए,
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो,
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए !

1067


हम आते हैं "‪महफ़िल‬" में,
तो सिर्फ एक ही ‪वजह‬ से...
यारों‬ को रहे ख़बर की,
अभी हम ‪जिंदा‬ है...!

1066


बहुत थे मेरे भी
इस दुनिया मेँ अपने,
फिर हुआ इश्क और...
हम लावारिस हो गए...!

8 March 2017

1065


तुझको लेकर मेरा ख्याल
नहीं बदलेगा...
साल बदलेगा, मगर दिल का हाल
नहीं बदलेगा |

1064


एक सफ़र ऐसा भी होता है
दोस्तों,
जिसमें पैर नहीं
दिल थक जाता है…!!

1063


"मैं हँसता हूँ तो बस
अपने गम छिपाने के लिए,…
और लोग देख के कहते हैं,
काश हम भी इसके जैसे होते….…"

1062


अलफ़ाजो की बयानगी,
बता रही आपकी ... की...
ज़िन्दगी में दर्द और मोहब्बत का,
तज़ुर्बा अच्छा है

1061


तुझसे रूठने का हक है मुझ को...
पर मुझसे तुम रूठो
यह अच्छा नहीं लगता...|

1060


तजुर्बा एक ही काफी है
बयां करने के लिये;
मैंने देखा ही नहीं ,
इश्क़ दोबारा करके

1059


हर मायूस को हँसाने का
कारोबार है अपना…
दिलों का दर्द खरीद लेते है
बस यही रोजगार है अपना…!!!

1058


ज़िन्दगी यूँ ही बहुत कम है,
मोहब्बत के लिए;
फिर एक दूसरे से रूठकर
वक़्त गँवाने की जरूरत क्या है।