10 March 2017

1066 महफ़िल यार ख़बर ‪जिंदा‬ ‪वजह शायरी


1066
बहुत थे मेरे भी,
इस दुनियाँमें अपने,
फिर हुआ इश्क और...
हम लावारिस हो गए...!

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