24 March 2017

1131 दुनियाँ बदल अकेला अक्सर गिरके संभल पकड़ हाथ शायरी


1131

बदल, Change

यूँ तो अकेला भी अक्सर,
गिरके संभल सकता हूँ मैं...
तुम जो पकड़ लो हाथ मेरा,
दुनियाँ बदल सकता हूँ मैं......

Although I am often alone,
I can catch myself if I fall...
If you hold my hand,
I can change the world......

No comments:

Post a Comment