20 March 2017

1115 ज़िक्र सजदे झुक फर्क झुक शायरी


1115
तेरा हुआ ज़िक्र,
तो हम तेरे सजदेमें झुक गये,
अब क्या फर्क पड़ता हैं,
मंदिरमें झुक गये या मस्जिदमें झुक गये !!!

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