12 March 2017

1079 परिंदा मंजिल लोग खामोश हुनर बोल शायरी


1079
मिलेगी परिंदोंको मंजिल,
ये उनके पर बोलते रहते हैं, 
कुछ लोग खामोश हैं लेकिन
उनके हुनर बोलते हैं…

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