23 March 2017

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इश्क भी अजीब होता है।
अपनोको खोकर मीलता है।
फिर भी इश्क मे ही इन्सान जिता है।
तभी तो उसे इश्क कहते है।
इश्क इश्क है
ये इश्क इश्क ये इश्क इश्क है इश्क ।

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