19 March 2017

1106 शहर मजदूर दरबदर घर शायरी


1106
इस शहरमें मजदूर जैसा,
दरबदर कोई नहीं,
सैंकड़ों घर बना दिये,
पर उसका कोई घर नहीं...

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