17 March 2017

1097 जिंदगी याद शाम बात समा बाद रात तनहा साथ शायरी


1097
"शामके बाद मिलती हैं रात,
हर बातमें समाई हुई हैं तेरी याद...
बहुत तनहा होती ये जिंदगी,
अगर नहीं मिलता जो आपका साथ ll"

No comments:

Post a Comment