16 March 2017

1094 कलम सहारे उतर कागज ख्याल कमबख़्त जिद्दी शायरी


1094
उतर ही आते हैं,
कलमके सहारे,
कागजपर तेरे ख्याल..!
कमबख़्त ये जिद्दी बहुत हैं !!!

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