18 March 2017

1101 दिल सोच हाल मुहब्बत डर शायरी


1101
सोचते हैं कह तो दें,
हाल-ए-दिल तुमसे,
पर डरते हैं कहीं फिरसे तुम्हें...
हमसे मुहब्बत हों जायें !

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