29 March 2017

1156 दीदार काबिल इनायत नजर रुख इधर शायरी


1156
दीदारके काबिल,
कहाँ मेरी नजर हैं, फ़राज़।
ये तेरी इनायत हैं की,
रुख तेरा इधर हैं......

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