25 March 2017

1136 घड़ी फितरत अजीब टिक शायरी


1136
घड़ीकी फितरत भी अजीब हैं,
हमेशा टिक-टिक कहती हैं,
मगर...,
ना खुद टिकती हैं और
ना दूसरोंको टिकने देती हैं !

No comments:

Post a Comment