4 March 2017

1045 दर्द दवा खुश आँसू नसीब शायरी


1045
मुझको ऐसा दर्द मिला,
जिसकी दवा नहीं l
फिर भी खुश हूँ,
मुझे उससे कोई गिला नहीं l
और कितने आँसू बहाऊँ उसके लिए...
जिसको खुदाने मेरे नसीबमें,
लिखा ही नहीं।

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