13 March 2017

1083 नजदीक जिन्दगी भरोसा कहना बताया शायरी


1083
रखा करो नजदीकीयाँ,
जिन्दगीका कुछ भरोसा नहीं ...
फिर कहना चले भी गये,
और बताया भी नहीं

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