16 March 2017

1090 मुहब्बत सिलसिला अजीब अपना बना शायरी


1090
उसकी मुहब्बतका सिलसिला भी,
क्या अजीब हैं . . .
अपना भी नहीं बनाती और
किसीका होने भी नहीं देती . . . !

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