5 March 2017

1047 दिल ख्याल प्यार जता निभा चाह खामोश शायरी


1047
जब कोई ख्याल दिलसे टकराता हैं,
दिल ना चाहकर भी खामोश रह जाता हैं,
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता हैं,
तो कोई कुछ ना कहकर प्यार निभाता हैं

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