5 March 2017

1049 हालत रूसवाई मंजिल घटा याद जुदाई नजर गुमनाम गम बाद तन्हाई शायरी


1049
न पूछो हालत मेरी रूसवाईके बाद,
मंजिल खो गयी हैं मेरी, जुदाईके बाद,
नजरको घेरती हैं हरपल घटा यादोंकी,
गुमनाम हो गया हूँ गम-ए-तन्हाईके बाद !

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