Showing posts with label इंतेज़ार दोस्त जान लुट मालूम शायरी शायरी. Show all posts
Showing posts with label इंतेज़ार दोस्त जान लुट मालूम शायरी शायरी. Show all posts

2 May 2017

1273 इंतेज़ार दोस्त जान लुट मालूम शायरी


1273
बैठे बैठे ज़िन्दगी बरबाद ना किजिए,
ज़िन्दगी मिलती हैं कुछ कर दिखानेके लिए l
रोके अगर आसमान हमारे रस्तेको,
तो तैयार हो जाओ आसमान झुकानेके लिए ll