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15 October 2016

632 कमबख्त इश्क चढ़ उतर गरीब क़र्ज़ शायरी


632

Karz, Loan

चढ़ जाए तो फिर,
उतरता ही नहीं...
कमबख्त यह इश्क भी,
गरीबके क़र्ज़ जैसा हैं......

When its Up on the Mind,
Never comes down...
Damned this Love,
Is Like Loan on Poor...