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14 May 2019

4246 - 4250 जिंदगी बेइन्तहा चमक याद रिश्ता घाव लगाव गुज़ारिश साँस सिफ़ारिश महक शायरी


4246
कुछ सितारोंकी चमक नहीं जाती,
कुछ यादोंकी खनक नहीं जाती;
कुछ लोगोंसे होता है ऐसा रिश्ता, 
कि दूर रहके भी उनकी महक नहीं जाती।

4247
आज तो जमके बरसे शायर...
वाह !
जिंदगीकी जमीं महक उठी...!

4248
तू बेइन्तहा बरसके तो देख...
मिट्टीका बना हूँ महक उठूंग...!

4249
शब्द महके तो लगाव करते हैं,
और...
शब्द बहके तो घाव करते हैं.......

4250
नाराज़ ना होना कभी,
बस यहीं एक गुज़ारिश हैं; 
महकी हुई इन साँसोंकी,
साँसोंसे सिफ़ारिश हैं