Showing posts with label दिल इश्क़ मंज़िल मुश्किल जिक्र शुक्र आँसू बहाने दौलत ज़िन्दगी उल्फ़त शायरी. Show all posts
Showing posts with label दिल इश्क़ मंज़िल मुश्किल जिक्र शुक्र आँसू बहाने दौलत ज़िन्दगी उल्फ़त शायरी. Show all posts

5 February 2020

5431 - 5435 दिल इश्क़ मंज़िल मुश्किल जिक्र शुक्र आँसू बहाने दौलत ज़िन्दगी उल्फ़त शायरी


5431
राज़--उल्फत सीनेमें,
हम लिए फ़िरते हैं...
वो बयाँ अगर कर दें तो,
ज़िन्दगी ही संवर जाए...

5432

इश्क़में हर क़दम,
हैं इक मंज़िल...
राह--उल्फ़तकी,
मुश्किलात पूछ...

5433
दिलमें कुछ टूटने लगता हैं,
तेरे ज़िक्रके साथ...
चंद आँसू तेरी,
उल्फ़तके बहाने निकले...

5434
रिश्ता--उल्फ़तको,
ज़ालिम यूँ बेदर्दीसे तोड़...
दिल तो फिर जुड़ जाएगा,
लेकिन गिरह रह जाएगी...

5435
नक़्श--उल्फ़त मिट गया,
तो दाग़--उल्फ़त हैं बहुत...
शुक्र कर दिल कि तेरे,
घरकी दौलत घरमें हैं...!