Showing posts with label दिल इश्क़ याद बेचैनी ख़ामोश चीख़ आँख़ें ख़्वाब तनहाई बेक़रारी बेक़रार शायरी. Show all posts
Showing posts with label दिल इश्क़ याद बेचैनी ख़ामोश चीख़ आँख़ें ख़्वाब तनहाई बेक़रारी बेक़रार शायरी. Show all posts

14 November 2021

7861 - 7865 दिल इश्क़ याद बेचैनी ख़ामोश चीख़ आँख़ें ख़्वाब तनहाई बेक़रारी बेक़रार शायरी

 

7861
भुलूँ अग़र मैं, दिल...
तुम याद दिला देना ;
क़ितनी तनहाई,
क़ितनी बेक़रारी रहती हैं,
उन्हें हिसाब दे देना.......

7862
शबभर नींदमें भी अब,
नींद क़हाँ आती हैं...
फ़िराक़--यारमें,
हर ख़्वाब निक़ल ज़ाती हैं...!

7863
बेक़रारी मेरी देख़ली हैं...
तो अब ज़ब्त भी देख़ना...!
इतना ख़ामोश रहूँग़ा मैं,
क़े चीख़ उठेग़ा तू.......!!!

7864
इश्क़मैं तो,
हर चीज़ मिट ज़ाती हैं l
बेक़रारी बनक़े तडपाती हैं,
याद याद याद,
बस याद रह ज़ाती हैं.......ll

7865
आँख़ें ये सुर्ख़ सोनेसे नहीं,
मीठे ख़्वाबोंकी ये ख़ुमारी हैं...
क़ल तलक़ थी उधर ये बेचैनी,
हाँ इधर आज़ बेक़रारी हैं......!