5966
तुझसे ज्यादा तेरी यादको,
हैं मुझसे हमदर्दी...!
देखती हैं मुझे
तनहा तो,
बिन पूछे चली
आती हैं...!!!
5967
तेरी यादें भी न...
मेरे बचपनके खिलौने जैसी
हैं ;
तनहा होता हूँ
तो,
इन्हें लेकर बैठ
जाता हूँ...!
5968
तेरे होते हुए,
आ जाती थी
दुनिया सारी...
आज तनहा हूँ
तो,
कोई नहीं आने
वाला.......
5969
रखलो दिलमें संभालकर,
थोड़ीसी
यादें हमारी...
रह जाओगे जब तनहा,
बहुत काम आयेंगे
हम...!
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मेरे तनहा सफ़रको,
आसान करो तुम...
मेरे ख्वाबोमें आकर मुझे,
जरा परेशान करो तुम...!