4 June 2020

5966 - 5970 दिल इश्क़ याद सफ़र ख्याल ख्वाब परेशान तनहा शायरी



5966
तुझसे ज्यादा तेरी यादको,
हैं मुझसे हमदर्दी...!
देखती हैं मुझे तनहा तो,
बिन पूछे चली आती हैं...!!!

5967
तेरी यादें भी ...
मेरे बचपनके खिलौने जैसी हैं ;
तनहा होता हूँ तो,
इन्हें लेकर बैठ जाता हूँ...!

5968
तेरे होते हुए,
जाती थी दुनिया सारी...
आज तनहा हूँ तो,
कोई नहीं आने वाला.......

5969
रखलो दिलमें संभालकर,
थोड़ीसी यादें हमारी...
रह जाओगे जब तनहा,
बहुत काम आयेंगे हम...!

5970
मेरे तनहा सफ़रको,
आसान करो तुम...
मेरे ख्वाबोमें आकर मुझे,
जरा परेशान करो तुम...!

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