6001
क्यों न फ़िरदौसको,
दोजख़में
मिलालें यारब...!
सैरके वास्ते थोड़ीसी,
फ़िजा और सही.......!
मिर्जा गालिब
6002
टूटा तारा देखकर,
उसने कहा माँगो
कुछ रबसे...
कुछ दे सकता
अगर,
तो क्यों टूटता सबसे.......
6003
रब किसीको किसीपर फ़िदा
न करें,
करें तो क़यामत तक जुदा न करें l
ये माना की कोई मरता नहीं जुदाईमें,
लेकिन जी भी तो नहीं पाता तन्हाईमें ll
करें तो क़यामत तक जुदा न करें l
ये माना की कोई मरता नहीं जुदाईमें,
लेकिन जी भी तो नहीं पाता तन्हाईमें ll
6004
खुदको तुझसे जोड़ दिया
हैं,
बाकी सब रबपर
छोड़ दिया हैं...!
6005
जी करता हैं
तेरे संग भीगू,
मोहब्बतकी
बरसातमें...
और रब करें
उसके बाद तुझे,
इश्क़का
बुखार हो जाएँ.......!
वाह
ReplyDelete