Showing posts with label दिल मोहब्बत याद मासूमियत चेहरे छुप इबादत यार सुकून लफ्ज ज़माने नींद शायरी. Show all posts
Showing posts with label दिल मोहब्बत याद मासूमियत चेहरे छुप इबादत यार सुकून लफ्ज ज़माने नींद शायरी. Show all posts

2 February 2018

2291 - 2295 दिल मोहब्बत याद मासूमियत चेहरे छुप इबादत यार सुकून लफ्ज ज़माने नींद शायरी


2291
आज आई हैं मेरी याद उसे,
ज़रूर किसीने ठुकराया होगा.......!

2292
न जाने क्या मासूमियत हैं तेरे चेहरेपर...
तेरे सामने आनेसे ज़्यादा...
तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता हैं...!

2293
अब तेरी इबादत करनेको,
दिल नहीं करता ए खुदा....
तेरी मस्जिदमें वो सुकून नहीं,
जो मेरी यारकी बाहोमें हैं...!

2294
दो लफ्ज उनको...
सुनानेके लिये...
हजार शब्द लिखे...
ज़मानेके लिये.......

2295
तेरी यादोंसे मोहब्बत क्या कर ली,
नींद तो बुरा ही मान गयी...!