2291
आज आई हैं मेरी याद उसे,
ज़रूर किसीने ठुकराया होगा.......!
2292
न जाने क्या मासूमियत हैं तेरे चेहरेपर...
तेरे सामने आनेसे ज़्यादा...
तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता हैं...!
2293
अब तेरी इबादत करनेको,
दिल नहीं करता ए खुदा....
तेरी मस्जिदमें वो सुकून नहीं,
जो मेरी यारकी बाहोमें हैं...!
2294
दो लफ्ज उनको...
सुनानेके लिये...
हजार शब्द लिखे...
ज़मानेके लिये.......
2295
तेरी यादोंसे मोहब्बत क्या कर ली ,
नींद तो बुरा ही मान गयी...!
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