5 February 2018

2311 - 2315 प्यार मोहब्बत दिल इंतज़ार नज़रे इज़हार याद अदा ख्वाब तकसीम तमाशा आँख शख्स इजाजत शायरी


2311
इंतज़ार हैं हमे आपके आनेका,
वो नज़रे मिलाके नज़रे चुरानेका,
मत पूछ ए सनम दिलका आलम क्या हैं,
इंतज़ार हैं बस तुझमे सिमट जानेका...

2312
कब उनकी पलकोंसे इज़हार होगा;
दिलके किसी कोनेमें हमारे लिए प्यार होगा;
गुज़र रही हैं रात उनकी यादमें;
कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा ! 

2313
बात कोई और होती,
तो हम कह भी देते….!
कम्बखत मोहब्बत हैं,
बताया भी नहीं जाता.......!

2314
अदा हैं, ख्वाब हैं,
तकसीम हैं, तमाशा हैं,
मेरी इन आँखोंमें...
एक शख्स बेतहाशा हैं।

2315
फना होनेकी इजाजत,
ली नहीं जाती l
ये मोहब्बत हैं जनाब...
पूछके नहीं की जाती ll

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