2 February 2018

2296 - 2300 दिल जिन्दगी पत्थर उदास याद गली मजबूर उदास बात मुलाक़ात वक़्त तलाश शायरी


2296
मत फेंक पत्थर पानीमें,
उसे भी कोई पीता हैं
मत रहो यूँ उदास जिन्दगीमें,
तुम्हे देखकर भी कोई जीता हैं

2297
"उजाले अपनी यादोंको,
हमारे साथ रहने दो...
न जाने किस गलीमें,
जिन्दगीकी शाम हो जाये"...!

2298
जिंदगी तो बचपनमें,
जिया करते थे,
अब तो मजबूर जिंदगी,
गुजरी जा रही हैं !

2299
उनकी ओर जाती...
हर हवासे कहते हैं हम.....
जरा उनको कह देना,
उन्हे बहुत याद करते हैं हम.......

2300
जब दिल उदास हो हमसे बात कर लेना,
जब दिल चाहे मुलाक़ात कर लेना,
रहते हैं आपके दिलके किसी कोनेमें,
वक़्त मिले तो तलाश कर लेना...

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