2396
गुजर जाएगा ये दौर भी ज़रा,
इत्मीनान तो रख...
जब ख़ुशी ही ना ठहरी,
तो ग़मकी क्या औकात हैं...।
2397
रूठे-रूठे से रहते हो,
तरकीब बताओ मनानेकी।
हम जिंदगी गिरवी रख देंगे,
तुम कीमत बताओ मुस्कुरानेकी।
2398
पलकोंको अब,
झपकनेकी आदत नहीं रही;
जाने क्या हुआ हैं,
तुम्हें देखनेके बाद.......
2399
शोर न कर धड़कन जरा,
थम जा कुछ पलके लिए...
बड़ी मुश्किलसे मेरी आँखोंमें,
उसका ख्याल आया हैं.......
2400
किसीने पुछा मुझसे
क्या हैं तेरी जिन्दगीका खजाना,
मूझे याद आ गया उनका,
वो
हलकेसे मुस्कुराना.......
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