2341
मंजिले तो,
खुशनसीब लोगोंको हासिल हो गयीं...
हम तो दीवाने थे,
सफरमें ही रह गयें...!
2342
बेपरवाह हो जाते हैं,
अक्सर वो लोग सभी,
जिनकी हम खुदसे ज्यादा,
परवाह करने लगें।
2343
जब प्यार किसीसे,
हदसे ज्यादा होने लगे...!
तो वो प्यार खुशियोंसे ज्यादा...
दर्द देने लगता हैं.......
2344
मैं कड़ी धुपमें चलता हूँ,
इस यकीनके साथ,
मैं जलुंगा तभी तो,
मेरे घरमें उजाले होंगे !
2345
कैसा अजीब रिश्ता हैं ये...
दिल आजभी धोखेमें हैं...
और
धोखेबाज आजभी दिलमें...!
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