2316
“कुछ मतलबके लिए ढूँढते हैं मुझको,
बिन मतलब जो आए तो क्या बात हैं,
कत्ल करके तो सब ले जाएँगे दिल मेरा,
कोई बातोंसे ले जाए तो क्या बात हैं...!
2317
क्या बटवारा था हाथकी लकीरोंका भी...
उसके हिस्सेमें प्यार,
और
मेरे हिस्सेमें इंतज़ार.......
2318
मुसाफ़र इश्क़क़ा हूँ मैं
मेरी मंज़िल मुहब्बत हैं,
तेरे दिलमें ठहर ज़ाऊँ
अग़र तेरी इज़ाज़त हैं।
2319
"तू किसी धुंदले अँधेरे रास्तेपर,
जला दे एक चिराग...
तेरी शोहरतका उजाला,
दूर तलक हो जाएगा".....
2320
सच्चाई बस मेरी ख़ामोशीमें हैं,
अलफ़ाज़ तो मैं,
लोगोंके हिसाबसे बदल लेता हूँ...
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